शीर्षक: कितनी जमीन
प्रस्तावना
इस कहानी में व्यक्ति को लालच के पीछे भागने एवं उसके परिवार की बढ़ती इच्छाओं की चर्चा की गई है कहानी में समाज के प्रति जागरूकता प्रस्तुत करने की छवि दिखाई पड़ती हैऔर मानव के आंतरिक इच्छा को और उसके आंतरिक लालसा को स्पष्ट दिखाया गया है इसमें एक किसान के बारे में बताया गया है जिसका परिवार दूसरों का रहन सहन खान पियन आर्थिक स्थिति से प्रभावित होकर अपने खुशहाल जीवन को छोड़कर लालच के पीछे भागना शुरू कर देता हैव्यक्ति अपने सुखमय एवं खुशहाल जीवन को छोड़कर कैसे अमीर और अमीर बनने के पीछे भाग कर अपना सुख चेहरे जीवन शैली और जीवन परिवार समाज एवं सब कुछ छोड़कर भागता है वह बस भागता ही रहता है उसके पीछे लेकिन अंत में उसके जीवन का अटल सत्य का मृत्य का सामना करके चिर निद्रा में विलीन हो जाता है । तब वह शांत होता है और उसके भागने पर पूर्ण विराम लग जाता है।इस कहानी में दीना अपनी पत्नी के लालची व्यवहार से प्रेरित होकर अपनी आर्थिक स्थिति ऊंची करने के लिए सुखचैन सब कुछ त्याग देता है।
केंद्र वर्ती ढांचा
इसकहानी में यह चित्र से हमें यह वार्ता दिखाई पड़ती है कि दीना की पत्नी की बड़ी बहन आकर उसे ताने मारती है कोसती है कि मेरा रहन-सहन देखो और अपना रहन-सहन देखो दोनों में कितना फर्क है हम कितने धनवान हैं हम लोग कितने आराम से रह रहे हैं अच्छे-अच्छे कपड़े स्वादिष्ट खाना खा रहे हैं इसकी जिंदगी जी रहे हैं।बड़ी बहन की छोटी बहन को लग गई तभी दीना की पत्नी ने दी ना को लालच दिया अमीर बनने का दीना यह सब बातें और ओसारे में बैठकर सुन रहा था उसकी अपनी पत्नी सिर्फ अपने ही घर के बारे में पढ़ाई कर रही थी दीना को यह बात अच्छी लगी फिर देना नहीं ठान लिया कि हम अमीर कैसे बने। दीना ने कुछ जमीन लेने के बारे में सोचा यदि हमारे पास जमीन होगी तो हम भी धनवान हो जाएंगे। कुछ दिनों बाद दीना ने जमीन खरीद ली। और स्वयं का अपना कामकाज शुरू कर दिया। और सुख में जीवन व्यतीत करने लगा। और उसका काम का सही ढंग से चलने लगा। और वह अपने खेतों की हरियाली देखकर बहुत ही खुश रहता अपने खेतों की देखभाल भी अच्छे ढंग से करता था।
कुछ दिनों के बाद खबर आई कि गांव की मालकिन जमीन को बेच रही हैं उस जमीन के सौदे की बातचीत भी चल रही है फिर जीना नहीं सोचा और भी जमीन ले लिया जाए तो अच्छा रहेगा वह लालच के पीछे पड़ गया फिर जमीन की बातचीत करने लगा फिर बाद में दीना 40 एकड़ जमीन ले ले ही ली फिर वह उसमें अच्छी फसल उगाने लगा और दीना और उसकी पत्नी खुशहाली से रहने लगे। और दीना एक जमीदार व्यक्ति बन गया।दीना के पास इतनी खेती होने के बाद वह बहुत खुश रहने लगा। और दीना को संतोष भी हो गया कि उसके पास इतनी जमीन है।उसके खेत में किसी पड़ोसी के जानवर भी खेत में पड़ते तो वह बहुत ही गुस्सा होता था।
कुछ समय बीतने के बाद देना के पड़ोसियों से मनमुटाव हो गया। यहां तक कि वह किसी के घर में भी आना जाना बंद कर दिया।कुछ दिनों के बाद फिर बातचीत होने लगी कि कुछ लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं दीना ने तय किया कि मुझे तो अपनी जमीन नहीं छोड़नी है कुछ लोग गांव से चले जाएंगे तो गांव की।। भीड़ भी कम हो जाएगी और मैं खेती भी अच्छी तरह से करूंगा और खुश जीवन व्यतीत कर लूंगा।
कुछ समय बीतने के बाद देना के पड़ोसियों से मनमुटाव हो गया। यहां तक कि वह किसी के घर में भी आना जाना बंद कर दिया।कुछ दिनों के बाद फिर बातचीत होने लगी कि कुछ लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं दीना ने तय किया कि मुझे तो अपनी जमीन नहीं छोड़नी है कुछ लोग गांव से चले जाएंगे तो गांव की।। भीड़ भी कम हो जाएगी और मैं खेती भी अच्छी तरह से करूंगा और खुश जीवन व्यतीत कर लूंगा।
मध्य भाग
थोड़े समय बाद दीना को फिर सुनाई दिया कि सतलज नदी के किनारे जमीन बिक रही है।फिर भी दीना के मन में अभिलाषा उत्पन्न हुई कि मैं यहां तंग सकरी गली में रह रहा हूं यहां रह कर क्या करूंगा मौका मिल रहा है दूसरी जगह जमीन ले लेनी चाहिए दीना वहां की जमीन घर बेचकर फिर सैकड़ों मील बैलगाड़ी पर सवार होकर सतलज नदी के किनारे पहुंचा वहां देखा जो आदमी ने कहा था वह सब सच है वहां उसको खूब जमीन दिखाई पड़ी है वह जमीन खरीदने के पीछे भाग रहा था और वह जमीन खरीदने के लालच में पड़ गया।
अंतिम भाग
कुछ दिनों के बाद फिर वह सोचने लगा की काश मेरे पास और जमीन होती तो अच्छा रहता मेरी और कमाई होती मेरे पास और धन हो जाता इस प्रकार उसके मन में हमेशा जमीन खरीदने के विचार बार-बार उत्पन्न होने लगे। और जमीन के पीछे हीभागता रहा।आखिर में सूरज लाल लाल हो गया था वह जमीन के पीछे भागता रहा आखिरकार वह अंत में बेबस होकर मृत्यु को प्राप्त हो गया अन्यथा उसके साथ में रह रहे सरदार और गांव वाली यह सब देखकर चकित हो गए कि देना सिर्फ जमीन के ही पीछे भागा अन्य में सरदार के नौकर ने कहा अच्छे फुट की जमीन ही उसके काम आई और वह हमेशा जमीन के पीछे ही भागा।
प्रतीक और संकेत
इस कहानी में दीना के लिए उपजाऊ जमीन ,धनी होने का संकेत दिया गया हैं। क्योंकि दीना हमेशा धनी होने के लालच में अपना सब कुछ त्याग दिया है। इसमें कई जगह गर्वित अर्थों का भी प्रयोग किया गया है जैसे-घर का मालिक, सरदार, मेरी सारी मेहनत, सवेरा होने वाला।
* इस कहानी में बहुत से प्रकार के संकेत भी दिखाई पड़ते हैं जैसे-धनी होने का संकेत ।
*दूसरों के प्रति लालच ना करने का संकेत।
* हमें दूसरों के प्रति आकर्षित एवं भावुक ना होने का संकेत।
* हमें दूसरों के प्रति आकर्षित एवं भावुक ना होने का संकेत।
इस प्रकार इस कहानी में बताया गया है कि दूसरे के प्रति लालच नहीं करनी चाहिए । हमें हमेशा अच्छी कर्तव्य करते रहना चाहिए।


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